इस होली में कैसे हम जाति के भेदभाव को मिटाने का एक प्रयास कर सकते हैं
होली रंगों का त्योहार जिसमें हम होली खेलते हैं रंग अबीर गुलाल उड़ाते हैं लेकिन इस पोस्ट में मैं ऐसी बातों को बताने जा रहा हूं जो शायद नामुमकिन है इस भारत देश में तो कृपया इस पोस्ट को पूरा पढ़ें|
होली का त्यौहार आते ही लोग हर्ष उल्लास से भर जाते हैं खासकर उत्तर भारत में यह त्यौहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है तो वही कुछ ऐसा भी होता है जो शायद नहीं होना चाहिए|
क्योंकि मेरे हिसाब से भारत जैसे इस देश में जातिवाद जैसा मुद्दा कभी खत्म नहीं हो सकता बस मेरा इस पोस्ट के माध्यम से एक छोटा सा प्रयास है जातिवाद को खत्म करने का छोटे-बड़े के भेदभाव को मिटाने का एक छोटा सा प्रयास तो चलिए दोस्तों आगे बढ़ते हैं इस पोस्ट पर शायद आप लोग बोर हो रहे हो लेकिन आगे इस पोस्ट को जरूर पढ़ियेगा।
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होली रंगों के त्यौहार के साथ साथ मिलने का भी त्यौहार होता है सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगा लेना बस यही तो है होली का त्यौहार लेकिन हम हर साल इस होली के हुड़दंग में यह भूल जाते हैं कि किसी से ज्यादा के नाम पर भेदभाव करना अक्सर इस भेदभाव को मिटाने का प्रयास लोग करते हैं लेकिन असफल हो जाते हैं तो आज के हमारे इस पोस्ट में हम जानेंगे कि कैसे जातिवाद और छोटे बड़े गरीबी अमीरी से परे एक सुंदर और सफल होली का त्यौहार मनाए|
अक्सर देखा जाता है कि लोगों के घर 2 प्रकार के भोजन बनते हैं उनके लिए जो आपके घर कोई गरीब काम करने आता है या मांगने वाला आता है और एक उसके लिए जो भले ही कोई गलत काम किया चोरी डकैती जैसा घिनौना काम किया होता है और आज वह कोई नेता के रूप में हो तो उसको हम समाज में सम्मान देते हैं|
उनके लिए अलग से भोजन का प्रबंध करते हैं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए समाज में ऐसे लोगों को क्यों महत्व दिया जाता है लोग ऐसा क्यों करते हैं कि शायद वह पैसे वाला है या उसके पास पावर है लेकिन उसके पास पावर आते कहां से हैं कहीं ना कहीं उसके जिम्मेदार हम ही हैं क्योंकि हम ही उनको सम्मान देते हैं और एक गरीब मजदूर और एक भीख मांगने वाले व्यक्ति को अलग नजर से देखते हैं|
इस पोस्ट को अगर पड़ रहे हैं तो हमारे इन बातों पर गौर जरूर कीजियेगा तो आइए हम सब मिलकर इस होली को एक ही तरह का भोजन बनाएंगे जिसे हम भी खा सके और हमारे घर में काम कर रहे मजदूर और मांगने आने वाले लोगों को भी खिला सके और बड़ी-बड़ी कारों में आने वाले अपराधियों के लिए अपने घरों के दरवाजों को हमेशा के लिए बंद करें ताकि समाज में बुराई फैलाने वाले लोगों का बहिष्कार हो सके जातिवाद का भेदभाव एक दीमक की तरह हमारे देश को निगल रहा है|
ऐसा क्या है हमें विचार करने की जरूरत है तो आइए हम सब मिलकर यह वादा करें कि हम इस होली से सभी भेदभाव को बुलाकर जातिवाद के बंधनों को तोड़कर एक दूसरे को गले मिले और एक सुंदर होली रंग बिरंगी होली को मनाने के संकल्प ले |
तो आपको यह हमारा पोस्ट कैसा लगा कृपया कमेंट में जरूर बताएं और VoiceOfGhazipur को सोशल मीडिया हैंडल पर अवस्य फॉलो करें|
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